राष्ट्रीयता पर बाबासाहेब आंबेडकर के विचार
- राष्ट्रवाद तभी औचित्य ग्रहण कर सकता है, जब लोगों के बीच जाती, नस्ल या रंग का अंतर भुलाकर उनमें सामाजिक भ्रातुत्व को सर्वोच्च स्थान दिया जाय।
- राष्ट्र के संदर्भ में राष्ट्रीयता का अर्थ होना चाहिए सामाजिक एकता की दृढ़ भावना, अंतरराष्ट्रीय संदर्भ में इसका आधार हो भाईचारा।
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